बेचैन सी है ये रूह,
इसको बस थोड़ा सा सुकून मिल जाये
काश ऐसा हो
की इस वक़्त बस आप मिल जाओ ||
बेक़रारी ऐसी है,
की तड़प कर निकल गयी है जान,
हो कुछ ऐसा की
मुझे मेरी जान मिल जाये
बस मेरी रूह को थोड़ा सुकून मिल जाये ||
करता हूँ प्यार आपको बेइंतिहां
मरता हूँ आप पर मैं बेइंतिहां
पर डरता हूँ
की कहीं रो न दूँ
ना चाहते हुए भी आपको सब कह ना दूँ ||
बहुत इन्तिज़ार के बाद
ऐसा साथ पाया है
खुदा ने बख़्शी है रेहमत
और इतनी हसीन मोहलत दिलाया है
मुझे मेरी खवाब की हक़ीक़त से मिलवाया है ||
रूख ज़िंदगी ने मोड़ा है ऐसा
किस्मत ने एक खेल खेला है ऐसा
साथ हो कर भी साथ नहीं है
साँस हो कर भी साँस नहीं है
जान हो कर भी जान नहीं है
ए खुदा इतनी सी मेहेर कर
आपने बन्दे पर भी एक बार फिर से रेहम कर
नहीं है मेरे पास मेरी जान
बस मुझे मेरी जान मिल जाये ||