Saturday, February 20, 2021

partially completed

 काश की ऐसा एक वक़्त आ जाये 

वो जो है दिल के पास 

मेरे पेहलु में आ जाये || 

वक़्त की एक हसीन सी गलती 

उम्मीद है मेरे साथ हो जाये 

याद है मुझे वो पल 

जिस पल आपकी आवाज़ आयी थी ,

बड़े प्यार से पूछा था आपने 

की आपके आने की कोई खबर आयी थी 

हाय वो  दिन थे 

साथ थे फिर भी बहुत दूर थे 

यकीन करो तब आप मेरे दिल के बहुत करीब थे || 




 


Friday, February 19, 2021

मुझे मेरी जान मिल जाये

बेचैन सी है ये  रूह, 

इसको बस थोड़ा सा सुकून मिल जाये 

काश ऐसा हो

की इस वक़्त बस आप मिल जाओ || 

बेक़रारी ऐसी है,

की तड़प कर निकल गयी है जान, 

हो कुछ  ऐसा की 

मुझे मेरी जान मिल जाये 

बस  मेरी रूह  को थोड़ा सुकून मिल जाये || 

करता हूँ प्यार आपको  बेइंतिहां  

मरता हूँ आप पर मैं बेइंतिहां 

पर डरता हूँ 

की कहीं रो न दूँ 

ना चाहते हुए भी आपको सब कह ना दूँ || 

बहुत इन्तिज़ार  के बाद 

ऐसा साथ पाया है 

खुदा ने बख़्शी है रेहमत 

और इतनी हसीन मोहलत दिलाया है 

मुझे मेरी खवाब की हक़ीक़त से मिलवाया है || 

रूख  ज़िंदगी ने मोड़ा है ऐसा 

किस्मत ने एक खेल खेला है ऐसा 

साथ हो कर भी साथ नहीं है 

साँस हो कर भी साँस नहीं है 

जान हो कर भी जान नहीं है 

ए खुदा इतनी सी मेहेर कर 

आपने बन्दे पर भी एक बार फिर से रेहम कर 

नहीं है मेरे पास मेरी जान 

बस मुझे मेरी जान मिल जाये  || 


Saturday, May 23, 2020

ढूंढ़ता हूँ

ना जाने क्या खो आया हूँ
न जाने क्यों ढूंढ़ता हूँ 
रेत पर लिखे नाम को 
समंदर के लहरों के बाद ढूंढ़ता हूँ 
ना जाने क्या ढूंढ़ता हूँ 
टूट के बिखर गया हूँ ऐसा की 
परछाइयों में खुद के होने का मक़ाम ढूंढ़ता हूँ 
न जाने कहाँ  से आये आप 
और बिखर गया वो सैलाब || 

अब तो जा रहे उन लेहरो से
आपका पता ढूंढ़ता हूँ
पहुंच जाऊ आपके पास
वो खोया सा रास्ता ढूंढ़ता हूँ
इस भीड़ भरी दुनिया में
आप हो कहाँ  बस यही ढूंढ़ता हूँ






मेरा दिल चहाता है

आपको देखना है
ऐसा अरमान आता है
मिलोगे आप
पता नहीं क्यों लेकिन सवाल आता है
बेचैनियों और उलझनों में
आपका होना
मेरे लिए सुकून के साजो सामान लता है

हो बहुत ही नाजुक सी आप
टूट कर बिखर न जाओ ऐसा ख्याल आता है
करूँगा क्या मैं न पता
ऐसी जाज्बात का उबार आता है

है बहुत से सपने जो जुड़ गए है आपसे
बिना पूछे आपसे बना लिए है उसे मैंने अपने
अब पता नहीं क्यों
उन् सपनो से बहार न आने को दिल चाहता है
आपको देखना है
ऐसा अरमान आता है

ज़िंदगी ने दिए है चोट लाखो
आपके होने से न कभी उनका एहसास आता है
क्या लूटेगा मुझे कोई
अब तो आप पर कुर्बान जाना चहाता है
 आप हो मेरे
ऐसा  हर पल हर घडी चहाता है
ऐसा सिर्फ मैं नहीं मेरा दिल भी  चहाता है ||


Friday, May 22, 2020

वक़्त

वक़्त का क्या है 
आज है, कल खो जायेगा 
आंसू ही तो है 
आँखों से बहार आ जायेगा 

अगर बिसर गयी कुछ पलके 
न आएगा लौट कर वापस 
क्यूंकि ये वक़्त है 
आज है,कल कहीं खो जायेगा 

जब आएगा गुदगुदाने 
तब रुला कर जायेगा 
जब आएगा तड़पने 
तब खामोश कर जायेगा 
क्यूंकि कुछ नहीं बस वक़्त है ये 
न जाने किस पल ठहर जायेगा 

न जाने किस काश्माकास में बैठा हुआ हूँ 
न सुबह का पता ना शाम की खबर कोई 
पता नहीं कैसी उलझनों में अटका पड़ा हूँ 
शायद है ये वक़्त 
जिस में मैं खो गया हूँ

न जाने किस अरमान से 
घर से दूर निकल आया हूँ मैं 
ज़िंदगी की जंग लड़ते लड़ते 
अपनी ही खून में भीग आया हूँ मैं 
कुछ इलम नहीं है मुझे की हुआ क्या है 
बस ये पता है 
वक़्त से कहीं दूर निकल आया हूँ मैं 
ज़िंदा हूँ लेकिन लगता है ऐसा 
वक़्त के हाथो मारा  गया हूँ.मैं  ||